Saturday 28 November 2015

रेप, हत्या, जबरन शादी, महिलाओं के लिए10 सबसे खराब देश

10 सबसे खराब देश
आज हम आपको थॉम्पसन रायटर्स फाउंडेशन, वर्ल्ड रिपोर्ट 2014 और फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट की ओर से जुटाए गए आंकडों के आधार पर 'महिलाओं के लिए दुनिया के 10 सबसे खराब देश' के बारे में बताने जा रहे हैं। प्रतिष्ठित मैगजीन theneweconomy.com ने इन आंकड़ों का विश्लेषण किया था और इन देशों की सूची जारी की थी। इसी सीरीज की दूसरी स्टोरी में हम उन देशों के बारे में भी बताएंगे जिन्हें महिलाओं के लिए जन्नत कहा जाता है।

अफगानिस्तान लिस्ट में सबसे ऊपर 
अफगानिस्तान को महिलाओं के साथ होने वाले अपराध में सबसे ऊपर रखा जाता है। यहां निरक्षर महिलाओं की संख्या 87 फीसदी है। जबकि 70 से 80 फीसदी महिलाओं की जबरन शादी की जाती है। 54 फीसदी महिलाओं की शादी 15 से 19 की उम्र में ही हो जाती है। इसके अलावा भारी संख्या में महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार भी होती हैं।


 डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो
कॉन्गो को जेंडर वॉयलेंस के लिए सबसे खराब देशों में एक कहा जाता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ के मुताबिक, हर दिन 1150 औरतों का यहां रेप किया जाता है। इसका मतलब हुआ कि हर साल करीब 4 लाख 20 हजार महिलाएं रेप विक्टिम बनती हैं। देश में महिलाओं के स्वास्थ्य का हाल भी बेहद बुरा है। करीब 57 फीसदी प्रेग्नेंट महिलाएं एनिमिया से पीड़ित रहती हैं।

पाकिस्तान
पाकिस्तान में कुछ संस्कृति और धार्मिक मान्यताएं महिलाओं के खिलाफ है। इसकी वजह से महिलाओं को न सिर्फ धमकियां मिलती हैं, बल्कि बाल विवाह और जबरन विवाह भी किया जाता है। कई जगहों पर महिलाओं के ऊपर पत्थर मारने और एसिड अटैक की घटनाएं भी सामने आती रही हैं। पाकिस्तान के ह्यूमन राइट कमिशन के मुताबिक हर साल करीब 1,000 लड़कियों की इज्जत के नाम पर हत्या कर दी जाती है और करीब 90 फीसदी पाकिस्तानी महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं।

भारत
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने के बावजूद भारत में महिलाओं की स्थिति बेहतर नहीं है। न्यूयॉर्क टाइम्स के एक लेख के मुताबिक, पिछले 30 सालों में गर्भ में ही मार दिए गए लड़कियों की संख्या कई लाख है। इसकी वजह से देश में महिला और पुरुष का अनुपात भी बढ़ गया है। दूर-दराज के इलाकों के अलावा बड़े शहरों में भी महिलाओं के साथ गैंग रेप और रेप की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। बाल विवाह भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।
हफिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर रोज औसतन 670 महिलाएं भारत में सेक्शुअल हरैसमेंट की शिकार होती हैं। अगर हरैसमेंट, रेप और महिलाओं की हत्या के मामलों को जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा हर दिन औसतन 848 का हो जाता है। सिर्फ 2013 में देश में 34,000 महिलाओं के साथ रेप किया गया। जबकि कई महिलाओं को तो सीधे ट्रैफिकर्स को बेच दिया जाता है। भारत की राजधानी दिल्ली में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की संख्या देश के औसत से करीब तीन गुना पहुंच जाता है।

सोमालिया
रेप, फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन, बाल विवाह, शादी के बाद मृत्यु जैसी समस्याओं से सोमालिया जूझ रहा है। देश की 95 फीसदी महिलाएं फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन से गुजरती हैं। 4 से 11 साल की उम्र में उनका जेनिटल म्यूटिलेशन किया जाता है। सिर्फ 9 फीसदी महिलाएं हेल्दी कंडिशन में बच्चे को जन्म देती है।

कोलंबिया
एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ 2010 में कोलंबिया की 45,000 महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हुईं। घरेलू हिंसा की शिकार हुई महिलाओं को आखिर में न्याय भी ठीक से नहीं मिलता। कुछ संस्थाएं महिलाओं के फ्रीडम और इंसाफ के लिए काम करती हैं, लेकिन उससे स्थिति बहुत बेहतर नहीं हुई है।

इजिप्ट
theneweconomy.com के मुताबिक, इजिप्ट में महिलाओं के यौन उत्पीड़न की घटना इतनी अधिक होती है कि कोई सामान्य विजिटर भी इसे महसूस कर सकता है। 2011 के इजिप्ट क्रांति के साथ-साथ महिलाओं के खिलाफ अपराध में इजाफा हुआ है। इजिप्ट के अदालत में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले भी आसानी से स्वीकार नहीं किए जाते। शादी, तलाक, चाइल्ड कस्टडी और पारिवारिक संपत्ति के मामले में भी इजिप्ट में महिलाओं को उचित हक नहीं मिलते। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2011 में इजिप्ट में भीड़ द्वारा 19 यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए।