Friday 6 November 2015

रूहों की चपेट में आ गया पूरा गांव

अगर किसी की कोई अंतिम इच्छा अधूरी रह जाए या फिर अपने जीवन में वह उस चीज को हासिल ना कर पाए तो शरीर त्यागने के पश्चात उस व्यक्ति की आत्मा अपने सपने पूरी करने के लिए भटकती रहती है. शायद मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में स्थित गायबैड़ा ग्राम में भी कोई भटकती रूह अपना असर दिखा रही है तभी तो बिना किसी
कारण के गांव के पांच लोग काल का ग्रास बन गए.
गांव वाले खुद नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर इन सभी मौतों के पीछे का कारण क्या है. अपने डर को समाप्त करने के लिए गांव वाले एक तांत्रिक के पास पहुंच गए. उस तांत्रिक ने गांव वालों को बताया कि इस गांव में एक रूह की काला साया है और इसी भूत ने गांव के पांच लोगों को अपना शिकार बनाया है.
अब जब उस तांत्रिक ने गांव में भूत-प्रेत के होने की बात पुख्ता कर दी थी तो गांववालों का डरना और भयभीत होना लाजमी था. गांववालों के कहने पर तांत्रिक ने भूत भगाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी. इस प्रक्रिया के तहत गांव के बाहर के लोगों को यह स्पष्ट निर्देशित किया गया कि वे गांव छोड़कर बाहर चले जाएं और गांव में सिर्फ मूल निवासी ही रहें और पूरी श्रद्धा के साथ भूत भगाने के लिए होने वाले यज्ञ और हवन में हिस्सा लें. साथ ही जितनी भी पूजा अर्चना गांव में की जाए उसमें सभी गांव वाले अपनी हिस्सेदारी निभाएं तभी इस गांव को प्रेत की रूह से मुक्ति दिलवाई जा सकती है.
यहां तक तो ठीक था लेकिन क्या आप जानते हैं कि गांव की तरह आने वाली सड़कों तक पर यह चेतावनी दी गई है कि इस गांव में किसी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पूरी तरह वर्जित है. गांव की सड़कों पर बड़े-बड़े अक्षरों में यह लिखा गया है कि इस गांव में प्रेत का साया है इसीलिए यहां आने की गलती ना करें.
जा पाठ और हवन होने के बाद अंतिम विधि के अनुसार गांव की ओर आने वाले हर रास्ते पर दूध गिराकर बुरी आत्माओं का गांव में प्रवेश रोका गया. भूत भगाने का दावा करने वाला तांत्रिक का कहना है कि अब यह गांव भूत-प्रेत या किसी भी प्रकार की शैतानी ताकतों से मुक्त है. गांव में हुई पांच अकाल मौतों के अलावा भी स्थानीय लोगों का कहना था कि उन्होंने किसी साये को गांव की सीमा में विचरण करते देखा है. रात के समय में किसी के चीखने-चिल्लाने की आवाज भी आती हैं. इतना ही नहीं गांव के कुछ लोग ऐसे भी हैं जो यह कहते हैं कि उन्होंने अपने आसपास किसी ताकत के होने का आभास किया है.
लेकिन असल बात क्या है वह किसी को अभी तक नहीं पता चल पाया है. वैसे तो हम इस बात से भी इंकार नहीं कर सकते कि जानकारी के अभाव के कारण लोग कुछ भूत-प्रेत जैसी बातों पर विश्वास कर लेते हैं. लेकिन सच क्या है यह तो आप या हम कभी शायद जान भी नहीं पाएंगे.