Monday 23 November 2015

कैमरे में कैद हुई आसमान से गिरी बिजली, वैज्ञानिक ने की पुष्टि





मध्यप्रदेश के शाजापुर और आगर जिले में वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण
कई जगह बिजली गिरी। आगर जिले में तीन जगह हादसे भी हुए। इसमें दो की मौत और एक महिला गंभीर रूप से झुलसी थी। इसी दौरान सुबह करीब 8.03 बजे भास्कर फोटो जर्नलिस्ट अभिषेक व्यास ने बारिश का फोटो लेते समय आसमानी बिजली का फोटो लिया।
फोटो की पुष्टि करने के लिए ईमेल कर के भास्कर ने एडीई, डीआरडीओ बेंगलुरु के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. कमल किशोर राजपूत के पास पहुंचाया। डॉ. राजपूत ने उक्त फोटो को देखा और इसे प्रमाणित किया।
उन्होंने बताया कि कैमरे में कैद तस्वीर आकाशीय बिजली ही है, जो कैमरे में कैद हो गई।



यह नि:संदेह नैचुरल फिनोमिना है
जी हां, (यह नि:संदेह नैचुरल फिनोमिना है) जिस स्थान पर यह घटनाक्रम हुआ है, उसके बिल्कुल पास से बिजली का तार निकला हुआ है। वातावरण में जब भी बिजली होती है तो उसे ग्राउंड होना जरूरी है। हर बड़ी इमारत में यह सुविधा जिसे लाइटनिंग कंडक्टर लगाया जाता है ताकि बिल्डिंग सुरक्षित रहे। बिजली जब गुरुत्वाकर्षण वातावरण से गुजरती है तो उसे ग्राउंड होना ही है। बिजली जब दो घने बादलों की विपरीत चार्ज्ड धनात्मक और ऋणात्मक स्ट्राइक होने से पैदा होती है। घर के इस वायर के जरिये बिजली जब गुजर रही थी उस समय जो हुआ, आपके कैमरे ने कैप्चर किया है।